महात्मा गांधी का परिचय-
महात्मा गांधी जी का जन्म भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर क्षेत्र में 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी में हुआ इनके पिता का का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी वैश्य परिवार मे उनका जन्म हुआ। महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात में ही हुई उसके बाद बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए ये लंदन चले गए। इनका विवाह कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया से हुआ। इन के 4 पुत्र थे हीरालाल मणिलाल रामदास देवदास। इनकी मृत्यु 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे के द्वारा गोली मारने से हुई। गांधी जी पर उनकी माता का प्रभाव दिखता था गांधी जी का विवाह 13 वर्ष की उम्र में हो गया था जबकि उनकी पत्नी कस्तूरबा 14 वर्ष की थी।
महात्मा गांधी की यात्राएं
दक्षिण अफ्रीका की यात्रा
सन 1894 में किसी कानूनी विवाद के संबंध में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गए थे और वहां उन्होंने होने वाले अन्याय के खिलाफ अवज्ञा आंदोलन (Disobedience Movement) चलाया और इसके पूर्ण होने के बाद भारत लौट आए।
महात्मा गांधी सन 1916 में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए और यहां आने के बाद भारत के लोगों की स्थिति को देखकर वह भारत की तुलना दक्षिण अफ्रीका के लोगों से भी ज्यादा खराब स्थिति मानते थे इस दशा को देखकर उन्होंने भारत के लोगों के लिए कदम उठाना शुरू किया। इसके चलते वे भारत के पीड़ित लोगों की बातों को अंग्रेजों के समक्ष रखने लगे। इसके चलते वे शांतिपूर्ण ढंग से गरीब लोगों के लिए तथा भारत के प्रत्येक व्यक्ति की आजादी के लिए कार्य करने लगे। सन 1920 में कांग्रेस लीडर बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के बाद गांधी जी को ही कांग्रेस के मार्गदर्शक के रुप में नियुक्त किया गया।
महात्मा गांधी जब भारत आए तो विश्व में प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था। इसके चलते महात्मा गांधी जी ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार से या शब्द रखी थी भारत के लोग आपका इस युद्ध में पूर्ण सहयोग देंगे उसके उपरांत आप हमें भारत को आजाद कर देंगे। परंतु जब अंग्रेजों ने ऐसा नहीं किया तो फिर गांधी जी ने देश की आजादी के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाएं और कुछ आंदोलन सफल रहे।
- सन 1918 में चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह
- सन 1919 में खिलाफत आंदोलन
- सन 1920 में असहयोग आंदोलन
- सन 1930 में अवज्ञा आंदोलन
- सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन
महात्मा गांधी जी के द्वारा कुछ समाचार आंदोलन भी चलाए गए जिसके छाप हमारे वर्तमान भारत मैं दिखाई पड़ती है।
छुआछूत को दूर करने का आंदोलन गांधी जी ने समाज में फैली छुआछूत की भावना को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किए उन्होंने पिछड़ी जातियों को ईश्वर के नाम पर हरिजन नाम दिया और जीवन पर्यंत उनके उत्थान के लिए प्रयासरत रहे।
अगर हम बात करें महात्मा गांधी के जीवन की तो अपने जीवन में उन्होंने कई किताबें लिखी जिनमें से महत्वपूर्ण है-
- हिंदी स्वराज सन 1909 में
- दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह 1924
- मेरे सपनों का भारत
- ग्राम स्वराज
- सत्य के साथ मेरे प्रयोग एक आत्मकथा
- रचनात्मक कार्यक्रम इसका अर्थ और स्थान
गांधी जी को महात्मा की उपाधि रविनाथ टैगोर और राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस जी ने दी थी। गांधीजी की ताकत सत्य और अहिंसा थी। महात्मा गांधी के मृत्यु के समय उनकी आयु 73 वर्ष थी तथा नाथूराम गोडसे के द्वारा उनको 3 गोली मारी गई इसके उपरांत उनकी मृत्यु हो गई मृत्यु के समय उनके अंतिम शब्द 'हे राम' थे।