वे शब्द जिनका निर्माण एक या एक से अधिक वर्णों के मेल से एक सार्थक अर्थ बन जाए उन्हे हम शब्द कहते है।
शब्द भेद –
प्रत्येक
शब्द से जो अर्थ निकलता है, वह अर्थ-बोध कराने वाली शब्द
की शक्ति है। शब्द की तीन शक्तियाँ हैं - अभिधा, लक्षणा में और
व्यंजना।
जिनमें वे शक्तियाँ होती हैं। वे शब्द भी तीन प्रकार के होते हैं- वाचक, लक्षक और व्यंजक।
इनके अर्थ भी तीन प्रकार के होते हैं- वाच्यार्थ, लक्ष्यार्थ और व्यंग्यार्थ।
हिन्दी में शब्दों का
वर्गीकरण 4 आधारों पर किया गया।
1- उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद-
(a) तत्सम शब्द – तत् + सम अर्थात
उसी के समान
अतः संस्कृत के ऐसे शब्द जिनकों ज्यों का त्यों हिन्दी में
प्रयोग किये जाते है। उन्हें तत्सम शब्द कहलाते है। उदाहरण – दुग्ध
(b) तद्भव शब्द – तद् + भव
संस्कृत से
परिवर्तित शब्द तद्भव शब्द होते है। उदाहरण – गोधम – गेहूँ
(c) देशेज शब्द – किसी देश में
जन्मा शब्द देशज शब्द या क्षेत्रीय भाषाओं के कारण उत्पन्न शब्द देशज शब्द होता
है। उदाहरण – लोटा,
(d) विदेशज शब्द – विदेश में जन्मा
शब्द विदेशज शब्द होते है। उदाहरण – स्कूल, स्टेशन
(e) संकर शब्द – दो भिन्न भाषाओं
से मिलकर बने शब्द को संकर शब्द कहते है। उदाहरण – रेलगाड़ी, सीलबन्द, छायादार,
चौकीदार, चिकित्सालय
2- रचना के आधार पर शब्द के भेद–
(a) रुढ़ शब्द – वे शब्द जिनके
सार्थक खण्ड न हो सके और न ही अन्य शब्दों के योग से मिलकर बने हो तो वे शब्द रुढ़
शब्द कहे जाते है। उदाहरण – घर, चावल, घोड़ा, दूध, घास, दही आदि।
(b) यौगिक शब्द – यौगिक का अर्थ है
मेल से बना हुआ शब्द अर्थात् दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने शब्दों को
यौगिक शब्द कहते है। उदाहरण – अत्यधिक, इत्यादि, प्रत्येक, सामाजिक।
यौगिक की रचना – उपसर्ग, प्रत्यय, समास होते है।
(c) यौगरुढ़ शब्द – वे शब्द जो यौगिक
तो होते हैं परन्तु उनका अर्थ रुढ़ हो
जाता है। यौगरुढ़ शब्द कहलाते है। बहुब्रीहि समास के सभी उदाहरण
यौगरुढ़ होते है।
3- अर्थ के आधार पर
शब्द के भेद –
(a) एकार्थी शब्द – जिनका केवल एक ही
अर्थ होता है। एकार्थी शब्द होते है। सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द एकार्थी
शब्द होते है। उदाहरण – रमेश, गंगा।
(b) अनेकार्थी शब्द – जिन शब्दों के एक
से अधिक अर्थ होते हो वे शब्द अनेकार्थी शब्द कहलाते है। उदाहरण – कनक, हार
।
(c) समानार्थी शब्द – जिन शब्दों के
ऐसे अर्थ हो जो समान अर्थ दर्शाते हो तो वे समानार्थी शब्द कहलाते है।
उदाहरण – आकाश- नभ, अम्बर, सूर्य- रवि, भानु,
(d) विपरीतार्थी या विलोम
शब्द – वे शब्द जो विपरीत अर्थ का बोध कराते है, विपरीतार्थी
या विलोम शब्द कहलाते है। उदाहरण – जय – पराजय, सच – झूठ।
4- रूप / प्रयोग के
आधार पर शब्द –
(a) विकारी शब्द – वे शब्द जिनमें
लिंग, वचन, कारक के अनुसार कोई परिवर्तन होता हो तो वे विकारी शब्द कहे
जाते है। जैसे – 1- लड़का लड़ रहा है। लड़की लड़ रही है।
(b) अविकारी शब्द – वे शब्द जिनमें
लिंग, वचन, कारक के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं होता हो तो वे अविकारी शब्द
कहे जाते है। जैसे – आज, मैं, और आदि।
अविकारी शब्द के भेद –
अविकारी शब्द के चार
भेद होते है।
1. क्रियाविशेषण अव्यय – आज, कल, अब, कब,
परसों, यहाँ, वहाँ, इधर, उधर, कैसे, क्यों आदि।
2. संबंधबोधक अव्यय – में, से, पर, के,
ऊपर, के, नीचे, से आगे से, पीछे आदि।
3. समुच्चयबोधक अव्यय – और, परंतु, या,
इसलिए, तो, यदि, क्योंकि आदि।
4. विस्मयादिबोधक अव्यय – आहा !, हा
!, ओह !, वाह !, अल्लाह
!, खुदा !, राम राम!